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अजमेर। बिजयनगर रेप और ब्लैकमेल मामले में फैसला सामने आया है। पोक्सो कोर्ट-1 ने आरोपी कैफे संचालक की ज़मानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी अभी भी फरार है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।
15 फरवरी को सामने आए इस शर्मनाक मामले ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था। नाबालिग छात्राओं के साथ दुष्कर्म, ब्लैकमेल और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है।
बिजयनगर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 61/25 के अनुसार, कैफे संचालक दीपक चौधरी पर आरोप है कि उसने महज़ 200 रुपए में अपने कैफे में आरोपियों को जगह दी, जहां नाबालिग छात्राओं के साथ यह घिनौनी हरकतें की गईं।
सोमवार को आरोपी की ओर से कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई।
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेन्द्र परिहार ने बताया कि अदालत ने इसे गंभीर प्रकृति का अपराध मानते हुए दीपक चौधरी की ज़मानत याचिका को सख्ती से खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह सिर्फ रेप और ब्लैकमेलिंग का मामला नहीं है, बल्कि इसमें नाबालिगों का मानसिक, शारीरिक और धार्मिक शोषण भी किया गया है।
अब तक पुलिस इस मामले में कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनमें से 11 आरोपी जेल में हैं और 5 नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है।
वहीं, मुख्य आरोपी दीपक चौधरी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर दबिश दे रही हैं।
अजमेर रेंज के डीआईजी ओमप्रकाश के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। आईपीएस अभिषेक अंदासु को टीम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारी का कहना है कि जांच अब भी जारी है और जल्द ही बाकी आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।