पल पल राजस्थान – डेस्क
पहलगाम। 22 अप्रैल की दोपहर करीब 2 बजे, कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आंतकवादियो ने एक आंतकवादी हमला किया जिसमे देश के अलग अलग राज्यों से आये करीब 27 लोगो को मौत के घाट उतार दिया। जानकारी के मुताबिक आंतकियो ने पहले नाम पूछा और फिर गैर मुस्लिम होने पर उनके सर में गोली मार दी। उसके बाद आतंकियों ने कई जगह फायरिंग की।
शुरुआत में एक टूरिस्ट के मरने की खबर आई उसके बाद रात के 11 बजते-बजते मौतें बढ़कर 27 हो गईं।
आपको बता दे की पहलगाम में हुआ हमला बीते 6 साल में कश्मीर में सबसे बड़ा टेररिस्ट अटैक है। इससे पहले पुलवामा में आतंकियों के हमले में 40 जवानों की मौत हुई थी। हमले की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF ने ली है। इसका सुप्रीम कमांडर शेख सज्जाद गुल है जो श्रीनगर में पैदा हुआ और अभी वह पाकिस्तान में है।
क्या हे TRF
TRF का पूरा नाम द रजिस्टेंस फ्रंट ये संगठन 2019 में अस्तित्व में आया। सरकार का मानना है कि ये लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी आतंकी संगठन है। ये आतंकी संगठन जवानों और आम नागरिकों की हत्या के अलावा सीमा पार से ड्रग्स और हथियार की तस्करी में शामिल रहा है।
जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों में ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) नया नाम है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद इसकी एक्टिविटी बढ़ी है। सुरक्षा मामलों के जानकार बताते हैं कि सीमा पार से ISI हैंडलर्स ने ही लश्कर-ए-तैयबा की मदद से TRF को खड़ा किया।
पूर्व DGP एसपी वैद के मुताबिक, TRF में कुछ नया नहीं है, बस जैश और लश्कर के कैडर्स को ही नया नाम दिया गया है। ISI की रणनीति के तहत ये नाम बदलते रहते हैं। 1990 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट बनने के बाद पहली बार किसी आतंकी संगठन को गैर इस्लामिक नाम दिया गया है।
