डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर्मी की दर्दनाक मौत, परिवार न्याय की गुहार लगा रहा

पल पल राजस्थान – हर्ष जैन

Udaipur News उदयपुर के मल्लातलाई निवासी राकेश नलवाया, जो नगर निगम में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम करते थे, मंगलवार को अपनी रोजमर्रा की जिम्मेदारी निभाते हुए हादसे का शिकार हो गए। उदियापोल के पीछे स्थित कचरा स्टैंड पर कचरा डालते समय वह सिर के बल गिर गए, जिससे गंभीर चोटें आईं। इलाज के दौरान उनकी दर्दनाक मौत हो गई। राकेश के निधन से उनके परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनकी पत्नी पहले से ही विकलांग हैं, और अब परिवार के मुख्य कमाने वाले सदस्य की असमय मृत्यु ने उन्हें अंधेरे में धकेल दिया है। ऐसे में उनके छोटे-छोटे बच्चों का भविष्य अनिश्चितता में डूब गया है।
वाल्मीकि समाज के लोगों ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शहर में चल रही कचरा कलेक्शन की गाड़ियां पूरी तरह से अनफिट और ओवरलोडेड होती हैं, जिससे हादसों का खतरा बना रहता है। उन्होंने नगर निगम को राकेश की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर समय रहते उचित व्यवस्थाएं होतीं, तो यह दर्दनाक घटना टल सकती थी।
वाल्मीकि समाज ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए नगर निगम से मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और उनकी विकलांग पत्नी को नौकरी देने की मांग की है। समाज के लोगों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द फैसला नहीं लिया तो पूरे शहर में सफाई व्यवस्था ठप कर दी जाएगी।
यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि उन हजारों सफाई कर्मियों की तकलीफों का प्रतिबिंब है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर शहर को साफ-सुथरा रखते हैं। क्या प्रशासन राकेश के परिवार की पीड़ा को समझेगा? क्या सरकार उनकी मदद के लिए आगे आएगी? या फिर एक और गरीब की मौत सिर्फ आंकड़ों में सिमटकर रह जाएगी?

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