पानी का महायात्रा: देवास के बांधों से पिछोला तक 12 घंटे का रोमांचक सफर, लेकसिटी की झीलों में लौटी रौनक!

पल पल राजस्थान – हर्ष जैन

उदयपुर। गर्मी से तपती लेकसिटी के सूखे ताल-तलैयों में आखिरकार फिर से जीवन की लहरें दौड़ पड़ीं। यह दिन शहर के लिए किसी उत्सव से कम नहीं रहा, जब देवास प्रोजेक्ट के मादड़ी और आकोदड़ा बांधों से दूसरी बार पानी छोड़ा गया और पिछोला झील तक पानी की 12 घंटे लंबी ‘महायात्रा’ पूरी हुई। सुबह 9 बजे मादड़ी बांध का गेट खुला और पानी ने पहली छलांग लगाई। इसके डेढ़ घंटे बाद 10.30 बजे आकोदड़ा बांध से भी दरवाजे खोल दिए गए। जैसे ही बांधों का ठंडा-मीठा पानी रास्ता पकड़ता, जल संसाधन विभाग की टीमें चौकन्नी निगाहों से इस रोमांचक सफर को देखती रहीं। मादड़ी से 34 एमसीएफटी और आकोदड़ा से 53 एमसीएफटी पानी रवाना हुआ, जो शाम 4.30 बजे कोडियात टनल की देहरी पर पहुँचा। यह पानी 11 किमी लंबी सुरंग से गुजरकर फिर साढ़े छह किमी की नदी की पथरीली पगडंडियों पर उछलता-कूदता पिछोला झील में समा गया। झील के किनारे खड़े लोगों ने जैसे ही चमचमाते पानी की पहली लहर देखी — शहरभर में खुशियों की हिलोरें दौड़ पड़ीं।

पिछोला, फतेहसागर, स्वरूपसागर और दूधतलाई जैसी झीलों के लिए ये जल एक जीवनदान साबित हो रहा है। गर्मी में न केवल शहर की पेयजल मांग पूरी होगी बल्कि झीलों की आबोहवा फिर से जवां हो उठेगी।

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