
अगर आपने अपने सेविंग्स अकाउंट, चालू खाता या फिक्स्ड डिपॉजिट को 10 साल तक नहीं छुआ है या मियाद पूरी होने के 10 साल बाद भी रकम नहीं निकाली, तो यह रकम ‘अनक्लेम्ड डिपॉजिट’ मानी जाती है. ऐसी राशि को बैंक RBI द्वारा बनाए गए ‘डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड’ में ट्रांसफर कर देते हैं भारतीय बैंकों में बिना दावे वाली यानी Unclaimed जमा राशि लगातार बढ़ती जा रही है, जो न सिर्फ एक वित्तीय चिंता है बल्कि यह यह भी दिखाता है कि लोग अपने खातों, जमा निवेश और बैंकिंग दस्तावेजों को लेकर कितने लापरवाह होते जा रहे हैं. वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जून 2025 तिमाही के अंत तक देशभर के बैंकों में ऐसी कुल 67,003 करोड़ की रकम पड़ी हुई थी, जिसे अब तक किसी ने क्लेम नहीं किया है. सबसे ज्यादा 19,329 करोड़ सिर्फ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पड़ी है, जो इस पूरी राशि का 29% हिस्सा है. वहीं 87% से ज्यादा बिना दावे की जमा राशि पब्लिक सेक्टर बैंकों के पास है. यह पैसे वे होते हैं जो सेविंग्स या करंट अकाउंट्स में 10 साल तक बिना किसी ट्रांजैक्शन के पड़े रहते हैं, या फिर फिक्स्ड डिपॉजिट की मैच्योरिटी के 10 साल बाद भी क्लेम नहीं किए जाते.
बड़ा सवाल ये है कि ये पैसे आखिर जाते कहां हैं?
दरअसल, 10 साल की लिमिट पूरी होने पर यह रकम Depositor Education and Awareness Fund में ट्रांसफर कर दी जाती है, जिसे RBI मैनेज करता है. लेकिन क्या आम लोगों को इसका पता भी होता है? क्या होते हैं ‘अनक्लेम्ड डिपॉजिट’? अगर कोई सेविंग्स अकाउंट या चालू खाता 10 साल तक निष्क्रिय रहा हो या किसी फिक्स्ड डिपॉजिट की मियाद पूरी होने के 10 साल बाद भी रकम न निकाली गई हो, तो उसे अनक्लेम्ड डिपॉजिट कहा जाता है.
यह पैसा जाता कहां है?
बैंक इस प्रकार की रकम को RBI के अंतर्गत चलने वाले “Depositor Education and Awareness” फंड में ट्रांसफर कर देते हैं. इसका मकसद यह है कि यह पैसा सुरक्षित रहे और उचित दावेदार को वापस किया जा सके. कैसे पता करें कि आपका पैसा अनक्लेम्ड है या नहीं? RBI ने UDGAM Portal (Unclaimed Deposits – Gateway to Access Information) लॉन्च किया है. इस पोर्टल पर जाकर आप देख सकते हैं कि किसी खाते में आपका या आपके परिवार के सदस्य का पैसा तो नहीं पड़ा है.
RBI ने बैंकों को क्या गाइडलाइन दी है?
हर साल बैंकों को ऐसे खातों की समीक्षा करनी होगी जिनमें एक साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ. FDs के लिए यह भी जांचना होगा कि मियाद पूरी होने पर ग्राहक ने राशि निकाली है या नहीं. ग्राहक को ईमेल, SMS या चिट्ठी के ज़रिए सूचित किया जाना चाहिए कि उनका खाता Inoperative होने वाला है. अगर अगले एक साल तक भी कोई गतिविधि नहीं होती, तो ग्राहक को नया KYC देकर खाता दोबारा चालू कराना होगा.
कैसे करें अनक्लेम्ड डिपॉजिट का क्लेम? –
स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस उस बैंक में जाएं जहां खाता या डिपॉजिट है क्लेम फॉर्म भरें, जिसमें अपनी और खाते की जानकारी दें KYC डॉक्युमेंट्स, डिपॉजिट की रसीद (अगर हो) और पहचान पत्र और फोटो साथ में लगाएं अगर आप उत्तराधिकारी (legal heir) हैं, तो मृतक की डेथ सर्टिफिकेट की कॉपी भी दें बैंक आपके दावे की जांच कर सही पाए जाने पर राशि जारी कर देगा.
किन्हें हो सकता है फायदा?
बुज़ुर्ग लोग जिन्होंने सालों पहले FD कराई थी और भूल गए विदेश में रहने वाले भारतीय जिन्होंने अपने पुराने खाते एक्टिव नहीं किए उन परिवारों को जो किसी मृतक के खाते की जानकारी नहीं रखते थे