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गुजरात। गुजरात के मेहसाणा में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। फिलहाल, 1051 लोग जो कि हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों से हैं, यहां लॉन्ग और शॉर्ट टर्म वीजा पर रह रहे हैं। इनमें से 249 लोग पिछले महीने ही पाकिस्तान से यहां आए थे।
भारत सरकार ने दिया पाकिस्तानियों को वापस भेजने का अल्टीमेटम
भारत सरकार ने पाकिस्तान से आए इन लोगों को 48 घंटे के भीतर देश लौटने का आदेश दिया है। हालांकि, पाकिस्तान से आए इन शरणार्थियों ने अपनी स्थिति के बारे में स्पष्ट रूप से कहा है कि वे वापस जाने को तैयार नहीं हैं।
मेहसाणा के इंदिरानगर में रहने वाले रामसिंह ठाकोर ने कहा, “हम पाकिस्तान में कई वर्षों तक अत्याचार सहते रहे और 2018 में अपने परिवार के साथ भारत आए थे। अब हमसे वापस जाने का कहा जा रहा है। हम यहां कोई परेशानी नहीं महसूस कर रहे हैं, और हमारी जिंदगी बेहतर हो रही है। हम पाकिस्तान वापस नहीं जाएंगे, चाहे सरकार हमें गोली क्यों न मार दे।”
पाकिस्तान में हालत और बदतर हो गए हैं
रामसिंह के अनुसार, पाकिस्तान में स्थिति पहले से भी खराब हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वहां की सरकार बहनों और बेटियों पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालती है, और महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। यही कारण है कि उन्होंने और उनके परिवार ने पाकिस्तान छोड़कर भारत आने का फैसला किया था।
मेहसाणा में पाकिस्तानी शरणार्थियों की बड़ी संख्या
अहमदाबाद के बाद मेहसाणा में पाकिस्तान से आए हिंदू और मुस्लिम शरणार्थियों की सबसे बड़ी संख्या है। यहां 1039 हिंदू और 12 मुस्लिम शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश लोग सिंध प्रांत से हैं और शरण के लिए भारत आए हैं।
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म वीजा की स्थिति
मेहसाणा में 249 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी शॉर्ट टर्म वीजा पर हैं, जिनका 45 दिन का वीजा अब समाप्त हो चुका है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या उनका वीजा रिन्यू होगा या नहीं। वहीं, 790 हिंदू और 6 मुस्लिम शरणार्थी लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे हैं।
केंद्र सरकार का निर्णय और राज्य मंत्री का बयान
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने केंद्र सरकार के आदेश का पालन करते हुए कहा कि पाकिस्तान से आए लोगों को 48 घंटे के भीतर वापस लौटने का आदेश दिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि जो पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी यहां भारत में शरण ले चुके हैं और जिनके साथ पाकिस्तान में अत्याचार हुआ है, उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा। इन शरणार्थियों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।