पल पल राजस्थान /महावीर व्यास

मोखुंदा। ग्राम पंचायत मोखुंदा में बीते छह माह से जनता की शिकायतों की अनसुनी हो रही है। क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौन हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। सवाल ये है कि क्या पंचायत में सब कुछ सही चल रहा है या फिर कमीशनखोरी के दलदल में पूरा तंत्र फंसा हुआ है? गांव की इंदिरा कॉलोनी हो या पंचायत बस स्टॉप, ठाकुर जी मंदिर के बाहर की सफाई हो या अम्लीयाजी मंदिर वाली सड़क — हर जगह बदहाल स्थिति देखने को मिल रही है। लक्ष्मीपुरा श्मशान घाट पर प्रस्तावित निर्माण कार्य वर्षों से अधर में लटका है। शीतला माता पूजन स्थल के लिए सड़क निर्माण की मांग बार-बार की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लक्ष्मीपुरा में पेयजल के लिए नए कनेक्शन की मारामारी चल रही है। वहीं, मोखुंदा बस स्टॉप पर शीतल पेयजल, शौचालय व प्रतीक्षालय की सुविधा केवल कागजों में सिमट कर रह गई है। रणजीत सागर बांध की नहर के वाल पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। संपूर्ण गांव में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जनता का कहना है कि लगातार शिकायते करने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। क्या जिम्मेदार लोग कमीशन के चक्कर में चुप हैं? यदि नहीं, तो फिर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? ग्रामीणों का साफ कहना है — अब हवा में बातें नहीं चलेंगी। जिम्मेदार लोग जनता के सामने आएं, सच्चाई बताएं और कार्यवाही करें। वरना ये मान लिया जाएगा कि सब मिले हुए हैं। भ्रष्टाचार पर चुप्पी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।