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जयपुर मेडिकल एसोसिएशन ने बोला— इलाज बंद करवाने की साजिश रचने वालों पर हो कार्रवाई
जयपुर। राज्य सरकार की राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के लाभार्थियों के लिए बुरी खबर है। 15 जुलाई से प्राइवेट अस्पतालों में RGHS योजना के तहत इलाज बंद हो सकता है। जयपुर के कुछ अस्पताल संचालकों द्वारा गठित नई यूनियन ‘राजस्थान अलायंस हॉस्पिटल एसोसिएशन’ ने बकाया भुगतान न मिलने का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है।
इसकी जानकारी मिलते ही जयपुर मेडिकल एसोसिएशन (JMA) और अन्य चिकित्सक संगठनों में असंतोष फैल गया है। JMA के मीडिया चेयरपर्सन डॉ. संजीव गुप्ता ने इसे एक ‘साजिश’ करार देते हुए सरकार को पत्र लिख कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि कुछ भ्रष्ट अधिकारी और अस्पताल मिलकर योजना को पटरी से उतारना चाहते हैं।
वहीं, प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय कपूर ने भी योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बात स्वीकारी, लेकिन साथ ही चेताया कि ईमानदार संस्थानों को परेशान न किया जाए।
अलायंस की मुख्य मांगे:
- 45 दिन के भीतर भुगतान सुनिश्चित हो।
- 31 मार्च तक के सभी बकाया बिल तत्काल जारी किए जाएं।
- घर बैठे दवा और जांच लिखने वाले डॉक्टरों की प्रथा पर रोक लगे।
- RGHS के नए स्पष्ट नियम जल्द बनाए जाएं।
- क्लेम कटौती और पेनल्टी की प्रक्रिया समाप्त हो।
सरकार की नजर में दबाव की राजनीति
स्वास्थ्य विभाग और राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक कुछ निजी अस्पतालों द्वारा RGHS योजना के तहत फर्जी क्लेम किए गए हैं। इन पर सख्त पेनल्टी भी लगाई गई है। सूत्रों का कहना है कि इसी कार्यवाही से बचने के लिए अब नई यूनियन बनाकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है।