गंदगी, बदहाल रास्ते और पंचायत की चुप्पी पर बोले लोग—”अब बातें नहीं, कार्रवाई चाहिए”

पल पल राजस्थान / महावीर व्यास
मोखुंदा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) मोखुंदा की ओपीडी और आईपीडी में इन दिनों मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। चिकित्सक डॉ. महेंद्र कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में चारों ओर गंदगी और पानी जमा होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है, जिससे बुखार, पेट संबंधी बीमारियों और स्किन इंफेक्शन के मामले बढ़ गए हैं।

स्वच्छता पर चेतावनी
एएनएम सुपरवाइजर निर्मला शर्मा ने कहा कि इस मौसम में घर और आसपास गंदा पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई ही बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।
पंचायत की चुप्पी बनी ग्रामीणों की परेशानी
वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत मोखुंदा में गंदगी, टूटी सड़कें और प्रशासनिक लापरवाही ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। मीडिया प्रभारी मोहम्मद अशरफ रंगरेज मोखुंदा ने बताया कि वरिष्ठ नागरिक घीसू लाल पोखरणा के घर से सटे तेलीखेड़ा मार्ग पर नालियों की सफाई नहीं होने से गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। “यह रास्ता ग्राम पंचायत के प्रमुख धार्मिक स्थल देवनारायण मंदिर और शीतला माता पूजन स्थल तक जाता है। तेलीखेड़ा की करीब 100 घरों की बस्ती के लिए यही एकमात्र मुख्य मार्ग है।”
योजनाएं सिर्फ कागजों तक, काम ज़मीन पर नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि लाखों की योजनाएं सिर्फ कागजों में ही दिखाई देती हैं, शीतला माता मंदिर तक सड़क निर्माण की मांग वर्षों से अनसुनी है। पंचायत कार्यालय का मुख्य दरवाज़ा रस्सी के सहारे टिका हुआ है, जो अव्यवस्था की असल तस्वीर दिखाता है। ग्रामवासियों का आरोप है कि पंचायत में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सोशल मीडिया पर बार-बार शिकायतों और समाचारों के बावजूद कोई असर नहीं दिख रहा। अब ग्रामीणों ने दो टूक कहा है—
“अब बातें नहीं, कार्रवाई चाहिए। अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”

मोखुंदा की तस्वीर बदलने के लिए अब ग्रामीण मोर्चा लेने की तैयारी में हैं। सवाल है—क्या पंचायत और प्रशासन जागेगा या फिर यह आवाज़ भी अनसुनी रह जाएगी?