सिंदूर का बदला ,’ऑपरेशन सिंदूर से’, 100 से ज्यादा आतंकी ढेर !

पल पल राजस्थान

इस्लामाबाद। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने आज पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कम से कम 9 जगहों पर आतंकवादी ठिकानों पर जबरदस्त हमला किया है। यह हमला पहलगाम आतंकी हमले के दो हफ्ते बाद हुआ है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा है कि “थोड़ी देर पहले भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाया गया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें गाइड किया गया था।” बयान में कहा गया है कि “हमारी कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ी हुई प्रकृति की रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्यों के चयन और उन्हें निशाना बनाने के तरीके में काफी संयम दिखाया है।”

रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पीओके में जिन 9 जगहों पर पाकिस्तान के ठिकानों पर हमले किए हैं, उनके नाम हैं बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भींबर, ⁠चक अमरू, ⁠बाघ, ⁠कोटली,⁠ सियालकोट और ⁠मुजफ्फराबाद। ये वो ठिकाने हैं, जहां आतंकियों के ठिकाने थे। हम आपको बताते हैं कि इन इन जगहों पर कौन कौन से आतंकी संगठन एक्टिवेट थे, भारत ने किन आतंकी संगठनों को निशाना बनाया है।

आतंकियों के 9 ठिकानों पर जबरदस्त हमला
“ऑपरेशन सिंदूर” नाम के इस एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के तीन प्रमुख आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया है। सबसे महत्वपूर्ण निशानों में से एक बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है। इस शहर को व्यापक रूप से जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशन सेंटर माना जाता है। ये 2019 में पुलवामा हमले के बाद से ही भारतीय एजेंसियों के रडार पर था। बहावलपुर में सुभान अल्लाह मस्जिद, जिसे निशाना बनाकर उड़ा दिया गया है, ये वही जगह है जहां 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की योजना बनाई गई थी। यह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कैडरों के ट्रेनिंग का मुख्य केन्द्र था।

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भारत ने एक और बड़ा हमला मुरीदके में किया है, जो सांबा के सामने भारत-पाकिस्तान सीमा से 30 किलोमीटर दूर है। यह जगह लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर है। इस जगह का सीधा संबंध 26/11 मुंबई हमलों से है। भारतीय सेना ने पीओके के अंदर भी हमला किया है। तंगधार सेक्टर में मिसाइलों ने सवाई कैंप को निशाना बनाया गया है। ये जगह भी लश्कर का एक सेंटर है, जो सोनमर्ग (20 अक्टूबर, 2024), गुलमर्ग (24 अक्टूबर, 2024) और हाल ही में पहलगाम में हुए हमले सहित कई हाई-प्रोफाइल हमलों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा पुंछ-राजौरी बेल्ट में नियंत्रण रेखा से 35 किलोमीटर दूर गुलपुर को भी निशाना बनाया गया है। खुफिया इनपुट से पता चलता है कि अप्रैल 2023 में पुंछ में भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर किए गए हमले और जून 2024 में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए हमले में इसकी भूमिका थी।

  • बहावलपुर: अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर। यह JeM का प्रमुख हेडक्वार्टर है, जिसकी स्थापना मसूद अजहर ने यहीं की थी। पठानकोट हमले और पुलवामा हमले की साजिश यहीं से रची गई थी।
  • मुरीदके: सीमा से 30 किमी दूर, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और इसकी फ्रंट संस्था जमात-उद-दावा (JuD) का सेंटर। यह लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य प्रशिक्षण और संचालन केंद्र है, जहाँ से 26/11 मुंबई हमले की योजना बनाई गई थी।
  • गुलपुर: एलओसी से 35 किमी दूर, पुंछ-राजौरी (2023 पुंछ हमले और 2024 में तीर्थयात्रियों पर हुए हमले की साजिश यहीं से रची गई थी)
  • सवाई: पाक अधिकृत कश्मीर के अंदर 30 किमी दूर। सोनमर्ग हमले, गुलमर्ग हमले और हाल ही में पहलगाम हमले से जुड़ा। LOC के बेहद करीब स्थित ये कैंप घुसपैठ के लिए बेहद एक्टिव है। यह ISI की निगरानी में रहता है और हर ऑपरेशन के पहले यहीं मीटिंग होती है।
  • बिलाल कैंप: जेईएम लॉन्चपैड- यह केंद्र लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।
  • कोटली कैंप: एलओसी से 15 किमी दूर, राजौरी के सामने। ISI समर्थित यह संगठन कश्मीर में हाई वैल्यू टारगेट रहा है। LoC के बेहद पास होने से घुसपैठ का मुख्य रूट भी यहीं से जाता है।
  • बरनाला कैंप: एलओसी से 10 किमी दूर, राजौरी के सामने- आतंकी संगठन जमात उद दावा का केन्द्र। अहले हदीस ब्रांडिंग के पीछे JuD का नया वैचारिक और कट्टरपंथी एक्सटेंशन इस केन्द्र को कहा जाता है। यहां से LeT के लिए फंडिंग, ट्रेनिंग और वैचारिक जहर फैलाया जाता है।
  • सरजल कैंप: अंतरराष्ट्रीय सीमा से 8 किमी दूर, सांबा-कठुआ के सामने (जेईएम शिविर)। यहां हिजबुल मुताहिदीन के केन्द्र को धमाके में उड़ा दिया गया है। PoK के इस सेक्टर में यह संगठन घुसपैठ की तैयारी, नक्शा, और ग्राउंड ट्रेनिंग देता है।
  • मेहमूना कैंप: अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी दूर, सियालकोट (हिजबुल मुजाहिदीन ट्रेनिंग सेंटर)- यह एक कम चर्चित, लेकिन बेहद घातक सेंटर है, जो कश्मीर में लोकल भर्ती और ट्रेनिंग करता है। 1990 के दशक में भी सक्रिय था, अब नए नाम से फिर खड़ा हो रहा है।
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