
भारतीय अब बिना वीजा के 59 देशों की यात्रा कर सकते हैं। ये जानकारी मंगलवार को जारी हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में सामने आई। भारत ने वैश्विक पासपोर्ट रैंकिंग में 77वां स्थान हासिल किया है।
भारत की रैंकिंग में ये बदलाव पिछले 6 महीनों में आया है। यह रैंकिंग दुनिया भर के पासपोर्ट को उनके वीजा-फ्री यात्रा की संख्या के आधार पर तय की जाती है।
दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट के मामले में सिंगापुर शीर्ष पर है। सिंगापुर का पासपोर्ट 193 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा देता है। 190 देशों के साथ जापान और साउथ कोरिया दूसरे स्थान पर हैं।
तीसरे स्थान पर डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली और स्पेन संयुक्त रूप से हैं, जिनके नागरिक 189 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं।
भारत की स्थिति में पिछले साल से सुधार
2025 की रैंकिंग में भारतीय पासपोर्ट ने लगातार दूसरी बार सुधार दर्ज किया है। पिछले साल भारत 85वें स्थान पर था, और इस बार 8 पायदान ऊपर चढ़कर 77वें स्थान पर पहुंचा है।
हालांकि, वीजा-मुक्त यात्रा की संख्या में कमी आई है। 2024 में भारतीय पासपोर्ट धारक 62 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते थे, जबकि इस साल यह संख्या 59 है।
फिर भी, रैंकिंग में सुधार का कारण दूसरे देशों के पासपोर्ट के तुलना में बेहतर प्रदर्शन है। भारतीय पासपोर्ट धारक अब 19 अफ्रीकी देशों, 19 एशियाई देशों, 10 उत्तरी अमेरिकी देशों, 10 ओसीनिया क्षेत्र के देशों और 1 दक्षिण अमेरिकी देश में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं।
भारत के लिए खास ये बदलाव
- सुधार के संकेत: भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग में लगातार सुधार भारत की बढ़ती वैश्विक साख को दर्शाता है। यह बेहतर कूटनीतिक संबंधों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों का परिणाम हो सकता है, जो वीजा-मुक्त यात्रा को बढ़ावा दे रहे हैं।
- वीजा-फ्री देशों की संख्या में कमी: रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन वीजा-मुक्त देशों की संख्या में कमी चिंता का विषय हो सकती है। यह कुछ देशों के वीजा नीतियों में बदलाव या सख्ती के कारण हुआ है। भारत को इस दिशा में और अधिक द्विपक्षीय समझौते करने की आवश्यकता हो सकती है।
- क्षेत्रीय तुलना: भारत का प्रदर्शन दक्षिण एशिया में बेहतर है, खासकर पाकिस्तान की तुलना में। हालांकि, सिंगापुर और जापान जैसे देशों से तुलना करने पर भारत को अभी लंबा सफर तय करना है।
- यात्रा और व्यापार: वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा न केवल पर्यटन को बढ़ावा देती है, बल्कि व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी प्रोत्साहित करती है। भारत के लिए 59 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे और बढ़ाने की जरूरत है।
