
उदयपुर। माता-पिता की मामूली टोक पर एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की ने ऐसा खौफनाक कदम उठाया कि परिवार सदमे में डूब गया। बड़गांव थाना क्षेत्र में मोबाइल पर ज्यादा बातचीत करने से रोकने पर किशोरी ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो दिन जिंदगी और मौत से जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया।
बड़गांव के वेलागढ़ निवासी लक्ष्मी गमेती (15) ने 23 नवंबर की रात को अपने घर पर आत्महत्या का प्रयास किया। एएसआई रणजीत सिंह के अनुसार, लक्ष्मी मोबाइल पर लगातार बात कर रही थी। जब उसके माता-पिता आंगन में खाना खा रहे थे, तब उन्होंने बेटी को मोबाइल पर बातचीत कम करने की बात कही। माता-पिता के टोकने पर लक्ष्मी गुस्सा होकर कमरे में गई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।
कुछ देर बाद जब माता-पिता ने आवाज लगाई और कोई जवाब नहीं मिला, तो पिता ने रोशनदान से झाँका। वे यह देखकर स्तब्ध रह गए कि लक्ष्मी फांसी का फंदा लगा रही थी। माता-पिता ने उसे रुकने के लिए काफी समझाया, लेकिन वह नहीं मानी। मजबूरन पिता को खिड़की तोड़कर अंदर जाना पड़ा, लेकिन तब तक लक्ष्मी फंदे पर झूल चुकी थी। अचेत अवस्था में नाबालिग को तुरंत एमबी हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टरों ने दो दिन तक गहन इलाज किया, लेकिन लक्ष्मी को होश नहीं आया। सोमवार रात करीब 2 बजे उसने अंतिम सांस ली और दम तोड़ दिया। यह घटना दर्शाती है कि बच्चों को छोटी सी बात पर टोकने या रोकने पर भी वे किस हद तक संवेदनशील हो सकते हैं।
