पल पल राजस्थान – हर्ष जैन
उदयपुर l उदयपुर में निजी स्कूलों द्वारा किताबों, स्टडी मटेरियल एवं यूनिफार्म को लेकर की जा रही मनमानी पर राज्य सरकार के द्वारा सख्त निर्देशों के बावजूद उसकी पालना विद्यालयों में नहीं हो रही है l इसको लेकर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत संगठन ने जिला कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन दिया गया l पंचायत के जिला सचिव नारायण पंचोली ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा जारी गाईड लाइन के अनुसार निजी विद्यालय केवल बोर्ड द्वारा प्रमाणिक किताबों का ही उपयोग करेंगे और जो किताबे विद्यालय में चलाई जा रही है उसकी एक सूची तैयार की जायेगी जिसमे किताबों के लेखक, प्रकाशक और उसका मूल्य भी अंकित करना होगा एवं ये सूचना नोटिस बोर्ड एवं वेब साइट पर देना अनिवार्य होगा जबकि उदयपुर में इसकी पालना निजी विद्यालयों में नहीं की जा रही है l प्रत्येक निजी विद्यालयो में अलग अलग प्रकाशक की किताबों को खरीदने के लिए अभिभावकों को पाबंद किया जा रहा है एवं अध्ययन करायी जा रही हैं l छोटी कक्षाओ में मनमानी एम आरपी लगाकर किताबों को दे रहे है एवं मोटा कमीशन की कमाई की जा रही है l इस ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि एन सी ई आर टी की किताबों की कीमत छोटी कक्षाओ के लिए 300 से 400 के बीच में है जबकि अभिभावकों से 3500 से 4000 तक वसूल रहे है l जिला प्रशासन से मांग की गई कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी कोर्स की किताबों को पढ़ाई जावे एवं निजी प्रकाशन की किताबों पर रोक लगाते हुए यूनिफार्म, जूते किसी से भी खरीदने की व्यवस्था अभिभावकों को दिलाते हुए इस महंगाई के दौर में राहत प्रदान करने की बात कही l जिला कलेक्टर मेहता ने आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन प्रतिनिधिमंडल को दिया l ज्ञापन देने में ग्राहक पंचायत के प्रांत संगठन मंत्री राकेश पालीवाल, जिला अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा, रमेश जोशी, फतहलाल पारिक, राजेंद्र स्वर्णकार, नरोतम गौड़,महिला मंत्री संगीता जैन आदि शामिल थे l