पल पल राजस्थान – हर्ष जैन
Udaipur News झीलों की नगरी उदयपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ियों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन हिल पॉलसी आने के बाद भी अब भी पहाड़ियां भूमाफियाओं के निशाने पर हैं। प्रशासन की निष्क्रियता के चलते बडगांव तहसील के सरे गांव में 40 बीघा पहाड़ी जमीन को भूमाफियाओं ने पूरी तरह छलनी कर दिया है। राज्य सरकार ने हाल ही में पहाड़ियों को बचाने के लिए नई हिल पॉलिसी लागू की थी, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते यह नीति केवल कागजों तक सीमित रह गई है।सूत्रों के अनुसार, यह 40 बीघा जमीन अंबावगढ़, उदयपुर निवासी अलका कटारिया, आशा कटारिया और कुसुम कटारिया के नाम दर्ज है। परंतु यह पूरी पहाड़ी क्षेत्र में अवैध कटाई और खनन कर उसे समतल करने का कार्य जारी है। खनन माफिया खुलेआम जेसीबी और अन्य मशीनों से पहाड़ियों को समतल कर रहे हैं, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है।यह कोई पहली बार नहीं है जब उदयपुर की पहाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा हो। पहले भी कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं, लेकिन प्रशासन की भूमिका हमेशा संदेहास्पद रही है। पटवारी प्रियंका से जब इस मामले पर बात की गई, तो उन्होंने केवल “मामले को दिखवाने” की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। वहीं, खनन विभाग भी महज औपचारिक मौका मुआयना कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर चला जाता है।राज्य सरकार द्वारा लागू की गई हिल पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य पहाड़ियों का संरक्षण करना था, लेकिन उदयपुर में यह नीति पूरी तरह विफल होती दिख रही है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों की लापरवाही के कारण भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं।ग्रामीणों ने इस अवैध गतिविधि पर कड़ी आपत्ति जताई है और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो उदयपुर की प्राकृतिक धरोहर को अपूरणीय क्षति पहुंच सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन जागेगा या फिर हमेशा की तरह भूमाफियाओं के आगे बेबस नजर आएगा?