बच्चों के मोबाइल इस्तेमाल पर बनेगी गाइडलाइन:3 से ज्यादा सिम कार्ड पर रोक लगेगी; हाईकोर्ट ने कहा- राजस्थान साइबर क्राइम कंट्रोल सेंटर बनाएं

जोधपुर. जोधपुर हाईकोर्ट ने साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर रिपोर्टेबल जजमेंट सुनाया। आदेश के मुताबिक- किसी भी व्यक्ति के नाम 3 से अधिक SIM कार्ड जारी करने पर रोक के लिए SOP (स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनेगी।

16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्कूल में मोबाइल, ऑनलाइन गेम्स और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर गृह विभाग को शिक्षा विभाग और अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर SOP बनाने को कहा है।

जस्टिस रवि चिरानिया की एकलपीठ ने ठगी मामले में दो आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए सरकार, पुलिस और बैंकों के लिए निर्देश जारी किए हैं।

इसके साथ ही अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को निर्देश दिए कि वे भारतीय साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की तर्ज पर राजस्थान साइबर क्राइम कंट्रोल सेंटर (R4C) की स्थापना करें।

साइबर पुलिस थाना जोधपुर में FIR मामला साइबर पुलिस थाना जोधपुर की एक FIR से जुड़ा है। इसमें गुजरात निवासी आरोपियों अदनान हैदर और राहुल जगदीश जाधव पर जोधपुर के 84 वर्षीय दंपती से 2 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप है। आरोपियों ने खुद को मुंबई साइबर पुलिस, ईडी और सीबीआई अधिकारी बताकर 29 अप्रैल से 8 मई 2025 के बीच दंपती से 9 बैंक खातों में कुल 2 करोड़ 2 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए।

कोर्ट ने आरोपियों की जमानत खारिज की याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि वे निर्दोष है। FIR में बताई गई राशि उन्होंने नहीं ली और दर्ज केस मजिस्ट्रेट ट्रायबल हैं, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए। सरकारी वकील ने विरोध करते हुए कहा कि यह अधिक उम्र के दंपती पर गंभीर आर्थिक हमला है। जांच शुरुआती चरण में है और गिरोह के अन्य बदमाश अभी पकड़े जाने बाकी है।

साइबर टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से होने वाली ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी ठगी के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इन परिस्थितियों में कोर्ट ने कहा- वह बिना मेरिट पर अंतिम राय दिए, वर्तमान में जमानत देने के पक्ष में नहीं है। कोर्ट ने दोनों जमानत आवेदनों को खारिज कर दिया।​

Spread the love