
झुंझुनूं जिले के लादूसर गांव में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। महज चार साल का मासूम अजीत मेघवाल, छत पर खेलते हुए हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आ गया और करीब आधे घंटे तक बिजली के करंट से झुलसता रहा, लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही के चलते उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
परिजनों ने सप्लाई बंद करवाने के लिए 10 से ज्यादा बार कॉल किए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार बच्चे ने अपने परिजनों के सामने ही दम तोड़ दिया।
हादसे के बाद हंगामा, शव दो घंटे तक छत से नहीं उतारा
घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया। परिजनों और ग्रामीणों ने शव को करीब दो घंटे तक छत से नीचे नहीं उतारा और बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर हत्या का केस दर्ज करने और 15 लाख रुपए मुआवजे की मांग की।
पुलिस और विभाग मौके पर पहुंचे
धनुरी थाना प्रभारी रामनारायण चोयल टीम के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया। इसके बाद बच्चे के शव को मलसीसर के सरकारी अस्पताल भिजवाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया।
पहले भी करंट लग चुका था, तीन बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
मृतक के पिता संजय कुमार मेघवाल और चाचा महेश मेघवाल ने बताया कि इस लाइन को हटाने की तीन बार विभाग से शिकायत की गई थी। 6 महीने पहले भी अजीत को इसी लाइन से करंट लग चुका था, लेकिन तब वह बच गया था।
ग्रामीण असलम का कहना है कि अधिकारियों ने कई बार मौका देखकर सिर्फ आश्वासन दिए, लेकिन कभी लाइन हटाई नहीं गई। अब यह लापरवाही मासूम की जान ले गई।
विभाग की सफाई और मुआवजे का भरोसा
मलसीसर क्षेत्र के जेईएन अनिल कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और उच्चाधिकारियों से बात कर परिजनों को उचित मुआवजा दिलवाया जाएगा। हालांकि ग्रामीणों और परिजनों की मांग है कि सिर्फ मुआवजा नहीं, जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई भी हो।
ये सिर्फ हादसा नहीं, बिजली विभाग की क्रूर लापरवाही का सबूत है।
जिसकी कीमत एक मासूम की जान से चुकानी पड़ी।