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जोधपुर। जोधपुर में अवैध बजरी खनन रोकने की कोशिश में घायल हुए पुलिस कांस्टेबल सुनील खिलेरी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। 25 मई को ड्यूटी के दौरान बजरी माफिया ने उन पर डंपर चढ़ा दिया था। दो दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद 27 मई को उनकी मौत हो गई।
ये पूरा मामला लूणी थाना क्षेत्र का है। पुलिस अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए खेजड़ली कला इलाके में नाकाबंदी कर रही थी। उसी दौरान सूचना मिली कि सरपंच पति हापुराम और अन्य लोग जेसीबी से अवैध बजरी भरवा रहे हैं।
पुलिस को देखते ही आरोपी जेसीबी छोड़कर भाग निकले और डंपर लेकर फरार हो गए। पीछा करने पर आरोपियों ने पुलिस को धमकी दी और फिर डंपर चालक राणाराम बाबल ने जानबूझकर डंपर कांस्टेबल सुनील खिलेरी पर चढ़ा दिया।
डंपर का पहिया कांस्टेबल सुनील के पेट और पैरों से होकर गुजरा। वो गंभीर रूप से घायल हो गए। साथी पुलिसकर्मी उन्हें तुरंत एमडीएम हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, लेकिन उनकी हालत नाजुक बनी रही और आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया।
सुनील खिलेरी 2013 में पुलिस में भर्ती हुए थे। वे जोधपुर के लोहावट गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में माता-पिता, दो भाई, एक बेटा और एक बेटी हैं। बताया जा रहा है कि उनका एक भाई भी पुलिस में है।
इस मामले में सरपंच पति हापुराम समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सभी को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। हालांकि, तीन आरोपी डंपर चालक राणाराम अब भी फरार हैं।
पुलिस ने मौके से जेसीबी मशीन और करीब 1240 टन अवैध बजरी भी जब्त की है।
कांस्टेबल सुनील की शहादत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक खनन माफिया कानून के रखवालों की जान लेते रहेंगे?