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जयपुर। दिल्ली स्थित नौसेना भवन में तैनात अपर डिवीजन क्लर्क विशाल यादव को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पूरे मामले में जो खुलासे हुए हैं, वो बेहद चौंकाने वाले हैं।
विशाल यादव दिल्ली के नौसेना भवन में डायरेक्टरेट ऑफ डॉकयार्ड में UDC के पद पर तैनात था। सीआईडी इंटेलिजेंस के मुताबिक, उसने पाकिस्तानी महिला हैंडलर को गोपनीय रक्षा जानकारियाँ साझा कीं, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं भी शामिल थीं।
पूछताछ में सामने आया है कि
विशाल की पाकिस्तानी हैंडलर से पहचान फेसबुक पर “प्रिया शर्मा” नाम की प्रोफाइल से हुई थी। धीरे-धीरे दोनों की बातचीत वॉट्सऐप और फिर टेलीग्राम तक पहुँच गई। महिला ने खुद को बाद में पाकिस्तानी हैंडलर बताया और पैसों का लालच देकर विशाल को अपने जाल में फंसा लिया।
विशाल को शुरुआत में हर सूचना के बदले 5 से 6 हजार रुपये मिलते थे। बाद में जब उसने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी, तो एक बार में 50 हजार रुपये मिले। अब तक 2 लाख रुपये से ज्यादा उसके बैंक अकाउंट और क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर हो चुके हैं।
IG CID (सुरक्षा) विष्णुकांत गुप्ता ने बताया कि सूचना मिलते ही विशाल की सोशल मीडिया एक्टिविटी और ट्रांजैक्शन पर नजर रखी गई।
पुष्टि के बाद 25 जून को उसे जयपुर लाया गया और गिरफ्तार किया गया।
विशाल के मोबाइल की फोरेंसिक जांच में चौंकाने वाली जानकारियाँ मिली हैं— जिनमें सेना से जुड़ी सामरिक जानकारी, पैसे के लेनदेन के सबूत, और पाक हैंडलर के साथ चैट्स शामिल हैं।
जांच में सामने आया है कि विशाल ऑनलाइन गेम्स का आदी था और डिजिटल दुनिया में अत्यधिक सक्रिय रहता था।