जाति जनगणना से पहले कास्ट लिस्ट बनेगी:सभी पार्टियों से सहमति लेगी सरकार; SC-ST गिनती में हैं, लेकिन OBC जातियों पर असमंजस

नई दिल्ली, जाति जनगणना से पहले केंद्र सरकार जातियों की सूची बनाएगी, ताकि सुनियोजित डेटा इक्ट्ठा हो। जातियों पर राजनीतिक सहमति के लिए इसे सर्वदलीय बैठक में भी रखा जाएगा। राजनीतिक पार्टियों के सुझावों-आपत्तियों के आधार पर सूची फाइनल होगी।

गृह मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की हाल में हुई बैठक में यह तय हुआ। जातीय जनगणना के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय समन्वयक रहेगा। जातियों की मान्य सूची जरूरी है, क्योंकि अनुसूचित जाति और जनजाति तो गिनती में हैं। लेकिन अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों पर असमंजस है। देश में जनगणना की प्रक्रिया 2026 में शुरू होने की संभावना है।

2011 की जनगणना में जाति-उपजाति का आंकड़ा 46.73 लाख मिला था। यह अविश्वसनीय माना गया था। आखिरी जातीय जनगणना 1931 में हुई थी, जिसमें 4,147 जातियां बताई गई थीं। मंडल कमीशन ने 1980 में अनुमान लगाया था कि ओबीसी 52% हैं।

अनुसूचित जाति में 28 राज्यों में 1109 जातियां हैं। अनुसूचित जनजाति में 705 जातियां हैं। सामान्य श्रेणी की जातियों की आबादी 30% और जातियों के बाहर मुस्लिम, ईसाई और अन्य वर्ग की आबादी 12.56% है। यह संख्या अनुमान और सर्वे आधारित हैं।

केंद्र ने 30 अप्रैल को जाति जनगणना को मंजूरी दी थी केंद्रीय कैबिनेट ने 30 अप्रैल को जाति जनगणना को मंजूरी दी थी। देश में आजादी के बाद यह पहली बार होगा, जब जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। देश में इसी साल के आखिर में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं।

ऐसे में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि जाति जनगणना की शुरुआत सितंबर में की जा सकती है। हालांकि जनगणना की प्रोसेस पूरी होने में एक साल लगेगा।

ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है। इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।

जनगणना फॉर्म में 29 कॉलम, केवल SC-ST की डिटेल 2011 तक जनगणना फॉर्म में कुल 29 कॉलम होते थे। इनमें नाम, पता, व्यवसाय, शिक्षा, रोजगार और माइग्रेशन जैसे सवालों के साथ केवल SC और ST कैटेगरी से ताल्लुक रखने को रिकॉर्ड किया जाता था। अब जाति जनगणना के लिए इसमें एक्स्ट्रा कॉलम जोड़े जा सकते हैं।

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