
उदयपुर में प्राधिकरण सचिव एडीजे कुलदीप शर्मा ने बाल वाहिनियों की जांच की। इस दौरान बाल वाहिनियों के चारपहिया वाहनों में क्षमता से अधिक स्कूली बच्चे बैठे हुए नजर आए। इस पर यातायात पुलिस ने मौके पर कार्रवाई की।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष के निर्देशों पर पोलो ग्राउंड के पास सोमवार को ये कार्रवाई की गई। वहीं पुलिस ने पोलो ग्राउंड क्षेत्र में हेलमेट नहीं पहनने वाले लोगों को भी जागरूक किया।
एडीजे कुलदीप शर्मा ने बताया- नियमों के अनुसार बाल वाहिनियां पूर्णत पीले कलर में होनी चाहिए। पीला रंग साफ-सुथरा एवं स्पष्ट दिखना चाहिए। वाहिनियों के आगे-पीछे स्पष्ट, स्थायी और ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। वाहिनियों के पीछे स्कूल का नाम, पता, फोन नंबर, ड्राइवर और सहायक का नाम भी लिखा हो।
एडीजे कुलदीप शर्मा ने बताया- ड्राइवर और सहायक के वैध लाइसेंस व पहचान दस्तावेज उपलब्ध हों। ड्राइवर को भारी वाहन चलाने का न्यूनतम 5 वर्ष का अनुभव हो। यदि वाहन हैवी कैटेगरी में आता है तो ड्राइवर के पास वैध हैवी लाइसेंस होना अनिवार्य है। इस दौरान उपाधीक्षक यातायात पुलिस अशोक आंजना भी मौजूद रहे।
एडीजे शर्मा ने अभिभावकों से अपील की है कि यदि कोई को बाल वाहिनी वैध नहीं है तो इसके संबंध में हेल्पलाइन नंबर 15100 पर शिकायत कर सकते हैं। यदि बाल वाहिनी मानक के अनुसार संचालित नहीं है तो बच्चों को ऐसी बाल वाहिनियों में नहीं बैठाएं।
