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भीलवाड़ा। भीलवाड़ा के जहाजपुर के कीर मोहल्ले में एक नवजात बच्ची का जन्म हुआ है, जिसका चेहरा और सिर असामान्य रूप से विकृत है। परिवार के अनुसार, बच्ची का सिर शरीर की तुलना में बड़ा है, और आंखें, नाक, मुंह सभी विकृत हैं।डॉक्टरों के अनुसार, यह स्थिति जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण उत्पन्न हो सकती है, जिसे कोलोबोमा कहा जाता है। इसमें आंखों की संरचनाओं में छेद या कमी होती है, जिससे दृश्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।परिवार में यह दूसरी संतान है। पहली बेटी पूरी तरह स्वस्थ है। परिवार के सदस्य कैलाशी ने बताया कि 30 साल पहले उन्हें भी ऐसा ही बच्चा हुआ था, लेकिन वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाया।डॉक्टरों के अनुसार, इस तरह के बच्चों के बचने की संभावना बहुत कम होती है। 100 में से केवल 10 प्रतिशत बच्चे ही बच पाते हैं, और वे भी ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह पाते।यह घटना जेनेटिक डिसऑर्डर के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जेनेटिक काउंसलिंग और परीक्षण से भविष्य में ऐसी स्थितियों को समझने और प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।