राजस्थान से विदेश में नौकरी करने गए थे 24 युवा, बंधक बना लिए गए, अब छुड़ाया गया तो सामने आई सनसनीखेज कहानी

जयपुर: अगर आप ज्यादा रुपए कमाने के लिए विदेश जाने की सोच रहे हैं तो यह खबर पढना आपके लिए जरूरी है। जरूरी नहीं कि नौकरी का बड़ा ऑफर आपके लिए फायदेमंद हो। आप किसी के जाल में फंसकर अपनी जिंदगी खराब कर सकते हैं। हाल ही में म्यांमार में सैकड़ों भारतीयों को बंधक बनाये जाने की खबर सामने आई थी। भारत सरकार के प्रयास पर वहां की स्थानीय पुलिस ने बंधक बनाए गए भारतीयों को मुक्त कराने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। वहां की पुलिस ने कुल 540 भारतीय युवाओं को मुक्त कराया जिनमें 24 युवा राजस्थान के थे। इनमें से कुछ युवाओं ने बंधन बनने की जो दास्तां सुनाई, वह झकझोर देने वाली है।

नौकरी के लिए गए, साइबर ठगी कराने लगे

राजस्थान के कई युवा आईटी सेक्टर में काम करके ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं। ऐसे युवाओं को कई लोग विदेश में बड़े पैकेज पर नौकरी देने का झांसा दे रहे हैं। जो युवा आईटी में करियर बनाना चाहतेत हैं। उन्हें लाखों रुपए के पैकेज का झांसा देकर विदेश भेज रहे हैं। गुजरात के एक शातिर बदमाश के झांसे में आकर राजस्थान के सैकड़ों युवा विदेश गए। बाद में कई लोगों के साथ धोखा हुआ तो पश्चाताप के अलावा कोई चारा नहीं बचा। म्यांमार में फंसे राजस्थानी युवाओं की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्हें बड़े पैकेज का झांसे देकर पहले बैंकॉक ले जाया गया। बाद में सड़क मार्ग होते हुए म्यांमार की सीमा तक ले जाया गया। वहां से नदी पार करते हुए म्यांमार में प्रवेश कराया गया। म्यांमार पहुंचने के बाद सभी युवाओं को बंधक बना लिया गया और उनसे साइबर ठगी कराई जाने लगी।

जंगल में बनी इमारतों में बनाया बंधक

एक पीड़ित युवक का कहना है कि म्यांमार के जंगल में कई बड़ी बड़ी इमारतें बनी हुई है। उन इमारतों में कई देशों के युवा बंधक बने हुए हैं। पहले उन्हें साइबर ठगी सिखाई जाती है और फिर वहीं पर रख कर साइबर ठगी करवाई जाती है। एक करोड़ की ठगी करने पर 10 प्रतिशत कमीशन के तौर पर 10 लाख रुपए दिए जाने का दावा किया गया था। अगर तय समय में साइबर ठगी का टारगेट पूरा नहीं होता तो आर्थिक दंड लगाया जाता था। आर्थिक दंड के साथ शारीरिक प्रताड़ना भी दी जाती थी। बंध बने हुए युवाओं को अपने अपने देशों से जुड़े लोगों को वीडियो कॉल करना होता था। जब कॉल रिसीव होता तो किसी महिला मॉडल से बात कराते। इस दौरान आपत्तिजनक वीडियो बनाते और फिर जेल भेजने की धमकी देकर रुपए मांगे जाते थे।

म्यांमार की सेना ने करवाया मुक्त

पीड़ित युवाओं का कहना है कि शारीरिक प्रताड़ना के बाद कई युवाओं ने अपने परिवार वालों को कॉल करके बंधक बनाकर रखने की जानकारी दी। इसके बाद भारतीय दुतावास के जरिए म्यांमार सरकार तक शिकायतें भेजी गई। इसके बाद म्यांमार सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर कई इमारतों पर दबिश दी। भारत सहित अन्य देशों के सैकड़ों युवाओं को मुक्त कराया। मुक्त कराए गए युवाओं में 540 युवा भारत के थे। बाकी चीन, पाकिस्तान और अन्य देशों के भी थे। मुक्त कराए जाने के बाद सेना ने स्थानीय पुलिस की सुरक्षा में युवाओं को भेजा। बाद में कागजी कार्रवाई पूरी करते हुए भारतीय युवाओं को भारत भेजा गया। इन 540 युवाओं में से 31 राजस्थान के हैं। 7 युवाओं दो दिन पहले राजस्थान लाया गया जबकि 24 युवाओं को अब लाया जा सका है। जयपुर पुलिस ने युवाओं के परिजनों को बुलाकर उन्हें सुपूर्द कर दिया।

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