फतह मेमोरियल के निजीकरण के विरोध लगाई याचिका, 8 दिसंबर को जबाव किया तलब

उदयपुर: शहर के ऐतिहासिक सूरजपोल चौराहा स्थित फतह मेमोरियल सराय को देवस्थान विभाग द्वारा निजीकरण किए जाने के मामले में कोर्ट ने विभाग के अधिकारियों और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर दिया है। सिविल कोर्ट (उत्तर) ने देवस्थान आयुक्त, सहायक आयुक्त और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए आगामी 8 दिसंबर को इस संबंध में जवाब तलब किया है।
क्या है पूरा मामला?
सरदारपुरा निवासी हेमलता कच्छावा ने शहर के सिविल कोर्ट (उत्तर) में एक जनहित याचिका पेश की थी। याचिका में बताया गया कि फतह मेमोरियल सराय को मेवाड़ राजपरिवार ने अपनी निजी संपत्ति होते हुए भी आमजन के हित के लिए राजस्थान सरकार को सुपुर्द किया था। इसका संचालन वर्तमान में देवस्थान विभाग कर रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य यहां लोगों को रियायती दर पर ठहरने की सुविधा देना था।
उज्जैन की कंपनी को लीज पर देने की तैयारी
याचिका में बताया गया है कि देवस्थान विभाग ने सराय का निजीकरण करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। इसके तहत, उज्जैन की ड्रीम जीआई कंपनी को यह सराय लीज पर देने की कवायद चल रही है। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया है कि विभाग इसका व्यावसायिक उपयोग कर इसे एक होटल के रूप में संचालित नहीं कर सकता। यह सराय जनहित में दी गई थी, और अब इसका दुरुपयोग रोका जाना चाहिए।
रियायती दर पर मिलती थी सुविधा
फतह मेमोरियल बिल्डिंग में कुल 50 कमरे हैं, जिनमें से 10 कमरे पर्यटन विभाग के पास पर्यटन स्वागत केंद्र व अन्य कार्यों के लिए हैं। लीज पर देने की योजना से पहले तक, यहां 5 बेड वाले डीलक्स कमरे का किराया मात्र ₹350 प्रतिदिन था, और 20 लोगों के हॉल का किराया करीब ₹800 था। बताया जा रहा है कि इस सराय को 15 साल के लिए लीज पर देने की योजना है। पिछले वर्ष स्मार्ट सिटी योजना के तहत इस भवन की मरम्मत भी की गई थी।
पीठासीन अधिकारी भरत पुनिया ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए देवस्थान विभाग के अधिकारियों और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर इस संवेदनशील मामले में जवाब मांगा है।
