पीड़ित का आरोप- जमाअत में दबाव बनाकर मुस्लिम बनाया, गौमांस खाने को मजबूर किया

भोपाल. जहांगीराबाद क्षेत्र के युवक शुभम गोस्वामी का कथित रूप से दबाव में धर्मांतरण कराने का मामला सामने आने के बाद मंत्री विश्वास कैलाश सारंग सामने आए हैं। शुभम ने इस्लाम अपनाने को धोखे और दबाव का नतीजा बताते हुए अब हिंदू धर्म में वापस लौटने की इच्छा जताई है।
मंत्री सारंग ने आश्वासन दिया है कि उसकी शास्त्रानुसार घर वापसी कराई जाएगी। वहीं पुलिस ने आरोपी परिवार के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मंत्री सारंग ने कहा कि शुभम (जिसे अमन खान बनने पर मजबूर किया गया) कुछ महीने पहले उनके जनदर्शन कार्यक्रम में आया था और उसने अपनी “दिल दहला देने वाली आपबीती” सुनाई। उसके मोहल्ले के ही एक मुस्लिम परिवार ने उसके साथ अत्याचार किए। उस परिवार ने उस पर झूठे केस लगवाए, वह जेल तक गया।
जेल से निकलने के बाद भी धमकियां दी गईं और दबाव बनाकर इस्लाम धर्म अपनाने का कुचक्र रचा गया। उसे गौमांस खिलाकर, जमात में भेजकर धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश हुई। यह आत्महत्या तक करने को मजबूर था। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस को रिपोर्ट की गई। करीब डेढ़-दो महीने जांच के बाद आरोपी पक्ष के खिलाफ FIR दर्ज हुई। अब अमन नहीं, फिर से शुभम बनेगा। अब कोई डरने की जरूरत नहीं है। यह सुनिश्चित हुआ है कि अमन खान फिर शुभम गोस्वामी के रूप में घर वापसी करेगा। जल्द ही उसकी विधिवत, शास्त्रानुसार हिंदू धर्म में वापसी कराई जाएगी। ऐसे कुकृत्यों के विरुद्ध कानून बनाया गया है और कड़ाई से लागू किया जा रहा है।
शुभम गोस्वामी (जिसे अमन खान कहलाने पर मजबूर किया गया) ने मंत्री विश्वास सारंग के जनदर्शन में पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। युवक ने कहा कि मैं भोपाल के जहांगीराबाद का रहने वाला हूँ। 2022 के अंत में एक मुस्लिम युवती से जान-पहचान हुई। शुरुआत में सब ठीक लगा लेकिन धीरे-धीरे उसके परिवार ने मेरे ऊपर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
युवक ने बताया कि उस परिवार ने उसे समाज, कानून और पुलिस के डर से घेर लिया। उन्होंने मेरे खिलाफ झूठे केस दर्ज कराए। मैं जेल तक गया। बाहर आने पर धमकियां दी गईं कि अगर मैं हिंदू धर्म नहीं छोडूंगा, तो मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा। शुभम के मुताबिक, उसके सामने सबसे बड़ा मानसिक दबाव उसकी पहचान छीन लेने का था उन्होंने कहा कि अब तुम शुभम नहीं, अमन खान हो। मजबूरी में मुझे वही नाम बताना पड़ता था। वह तीन साल अपने घर से दूर मुस्लिम मोहल्ले में रहा। युवक ने कहा कि मैंने परिवार से रिश्ता लगभग खत्म कर दिया था। नौकरी भी छूट गई।
