
श्रावण मास के पावन अवसर पर आज श्री श्री 1008 श्री सगस जी बावजी के जन्मोत्सव पर श्रद्धा, भक्ति और दिव्यता का अनुपम संगम देखने को मिला। प्रातः ब्रह्ममुहूर्त से ही मंदिर प्रांगण में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। जयकारों की गूंज, धूप-दीप की सुगंध और मंत्रोच्चारण से वातावरण पूर्णतः भक्तिमय हो उठा।
इस वर्ष श्री सगस जी बावजी को दिव्य श्रृंगार में अलंकृत किया गया है — स्वर्ण एवं रजत वरक, चंद्रमा, छत्र, चंवर, तलवार, ढाल जैसे अनुपम प्रतीकों से सुसज्जित यह श्रृंगार भक्तों के लिए एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव बन गया। दर्शनार्थियों की लंबी कतारें बावजी के चरणों में असीम श्रद्धा का प्रमाण बनीं।
सुबह 9:30 बजे तक ज्योति प्रज्वलन, ध्वजारोहण, श्रृंगार दर्शन एवं भोग आरती जैसे धर्मानुष्ठान विधिपूर्वक संपन्न हुए। भक्तगण भक्ति भाव से भावविभोर होकर बावजी के अलौकिक रूप का दर्शन कर धन्य हो रहे हैं।
धार्मिक अनुशासन के साथ व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित की जा रही हैं। विशेष दर्शन व्यवस्था, जूता स्टैंड, प्रसाद, एवं विद्युत सज्जा से पूरा क्षेत्र एक दिव्य तीर्थ क्षेत्र जैसा प्रतीत हो रहा है।
यह जन्मोत्सव केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सगस जी बावजी की कृपा और भक्तों की आस्था का जीवंत उत्सव है — जहां प्रत्येक भक्त, भावनाओं के सागर में डूब कर अपने आराध्य का साक्षात अनुभव कर रहा है।