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सिरोही। सिरोही जिले के गुलाबगंज से पावटा रोड तक मात्र 3 किलोमीटर की दूरी है, लेकिन यह रास्ता आज भी पक्की सड़क से वंचित है। सरकारी स्वीकृति और रोड पास होने के बावजूद पिछले 10 वर्षों से यह सड़क नहीं बन पाई, जिससे गांववासियों में गहरा रोष है।
सरकारी स्वीकृति मिली, फिर भी निर्माण अधर में
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क का प्रस्ताव वर्षों पहले पास हो चुका है। कई बार पंचायत स्तर पर अनुरोध किया गया, लेकिन कागज़ी कार्रवाई से आगे कोई प्रगति नहीं हुई।
“गवर्मेंट ने रोड पास कर दी, लेकिन काम नहीं हो रहा। हमें सिर्फ आश्वासन मिलते हैं, कार्रवाई नहीं।” — एक ग्रामीण की व्यथा
100 घर, 150+ स्कूली बच्चे परेशान
इस 3 किलोमीटर के रास्ते पर करीब 100 घर हैं और इनमें रहने वाले 150 से 200 बच्चे रोज़ स्कूल जाते हैं। मानसून के चार महीनों में यह रास्ता दलदल में बदल जाता है, जिससे न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है, बल्कि बुज़ुर्गों और मरीजों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बरसात में रोड बन जाता है दलदल
बच्चों को स्कूल जाने के लिए कीचड़, पानी और फिसलन भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है। कई बार बच्चे गिर जाते हैं, बीमार पड़ जाते हैं और स्कूल छूट जाता है।
10 साल से मांग कर रहे ग्रामीण, अब बढ़ रहा आक्रोश
गांववालों का कहना है कि उन्होंने कई बार पंचायत और जनप्रतिनिधियों से इस सड़क के निर्माण की माँग की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब गांव के लोग सोशल मीडिया और जन आंदोलनों के ज़रिए अपनी आवाज़ उठाने की तैयारी में हैं।