संवैधानिक  जनजागृति को लेकर 76वां संविधान दिवस समारोह 26 नवम्बर को होगा उदयपुर में

उदयपुर। संवैधानिक अधिकार जनजागृति संस्थान, सर्व बहुजन, मूलनिवासी, आदिवासी.पिछड़ा अल्पसंख्यक समाज के संयुक्त तत्वावधान में में 76वां संविधान दिवस समारोह 26 नवम्बर को यहां एमबी हाॅस्पीटल के न्यू ऑडिटोरियम में आयोजित होगा। समारोह में संविधान को लेकर जनजाग्रति और प्रत्येक नागरिक के मूल अधिकारों को लेकर चर्चा के साथ ही संवैधानिक अधिकारों को जन-जन तक पहुंचाने का निर्णय लिया जाएगा।
संवैधानिक अधिकार जनजागृति संस्थान के अध्यक्ष गणेशलाल रायकवाल ने बताया कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी 76वां संविधान दिवस समारोह राज्य स्तर पर मनाया जा रहा है। भारतीय संविधान विश्व का सबसे विस्तृत व लिखित संविधान है। संविधान निर्माता महामानव बोद्धिसत्व विश्वरत्न बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर ने अपनी कुशाग्र बुद्धि, अप्रतिम प्रतिभा एवं अथक प्रयासों से 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारत का संविधान बनाकर 26 नवम्बर 1949 को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने भारतीय संविधान को संसदीय लोकतंत्र के लिये अधिक उपयुक्त माना जिसमें जनता के प्रति जवाबदेह विधायिका, समर्पित कार्यपालिका व स्वतंत्र न्यायपालिका को परिकल्पना को साकार रूप प्रदान किया और यह अपेक्षा की थी कि लोकतंत्र में सत्ता के तीनों स्तम्भ बिना किसी भेदभाव व पूर्वाग्रह के सभी को फलने.फूलने का समान अवसर प्रदान करेंगे। परन्तु आजाद भारत में 76 वर्षों के बाद भी ओबीसी,एसटी, एसएसी व अल्पसंख्यक वर्ग गरीबी, बेराजगारी, भुखमरी, अन्याय, अत्याचार, मोबलिचिंग, बाल मजदूरी, अशिक्षा, बलात्कार, शोषण, महिला उत्पीड़न, समान अवसरों में भेदभाव आदि समस्याओं से ग्रस्त है।
भारत में ओबीसी,एसटी, एसएसी व अल्पसंख्यक वर्ग बहुसंख्यक होते हुए भी समस्याओं से ग्रस्त है जिसका मुख्य कारण भारत में संवैधानिक प्रावधानों को ईमानदारी से लागू नहीं करना है। भारत के संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को एक वोट एक मूल्य का अधिकार है और लोकतंत्र में बहुसंख्यक आबादी का राज होना चाहिए परन्तु भारत में बहुसंख्यक नागरिक जीवन जीने एवं हक.अधिकार से भी वंचित है और उनके संवैधानिक हक.अधिकारों को लगातार हनन किया जा रहा है। इसी क्रम में संवैधानिक अधिकार जनजागृति संस्थान द्वारा राष्ट्र के बहुसंख्यक लोगों का अपने हक अधिकारों की जानकारी और अपनी भावी पीढ़ियों के लिये संवैधानिक हक.अधिकारों को बचाने हेतु इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
संगठन के महासचिव बाबूलाल घावरी ने बताया कि संविधान दिवस समारोह में देश के ख्यातिमान संविधान विशेषज्ञ वक्तागण एवं अतिथियों द्वारा ज्वलंत विषयों पर सम्बोधित कर बहुजन मूलनिवासी, आदिवासी, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समुदायों को जागृत करने पर चर्चा होगी। समारोह में मुख्यवक्ता भारतीय कर्मचारी संघ, नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी. आर, ओहोल होंगे जो संविधान और वर्तमान संवैधानिक स्थितियों पर प्रकाश डालेंगे। उद्घाटन संगठन के आजीवन सदस्य व एसबीआई के मुख्य प्रबंधक अम्बालाल जी सालवी करेंगे तथा अध्यक्षता संगठन के संस्थापक अध्यक्ष गणेश लाल रायकवाल करेंगे। इनके अलावा  सेवानिवृत्त आईएएस तारा चंद मीणा, सुविवि में दर्शन शास्त्र विभाग की प्रोफेसर सुधा चौधरी, राष्ट्रीय बहुजन प्रचारक जनाब रईस मलिक, कायमखानी वंशावली के संरक्षक जनाब खुर्शीद खान कायमखानी, संगठन के मानद सदस्य  प्रो. भेरूलाल सालवी, सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट सत्येन्द्र पाल सिंह छाबड़ा, संगठन के कार्यकारिणी सदस्य बिशप डॉ बेन्जामिन जी डोडियार, रेव्हण् सनी एस. कुमार प्रेस्बिटेरियन इंचार्ज चर्च सहित कई बडे गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर आमोस मीणा ने बताया कि संगठन का यह दूसरा आयोजन है। इसके माध्यम से संगठन के कार्यकर्ता प्रयास कर रहे हैं कि हर व्यक्ति संविधान को जाने। प्रत्येक व्यक्ति के जो अधिकार है उनके बारे में जाने। इसके लिए संगठन की ओर से मोहल्लों से लेकर गांवों तक जनजाग्रति अभियान चलाया जा रहा है। इसको अब विस्तृत रुप भी प्रदान किया जाएगा।
संगठन के उपाध्यक्ष सुख सम्पत बागड़ी मीणा ने बताया कि समारोह में भारतीय संविधान की पार्श्वभूमि, निर्माण एवं उद्देश्य एक गम्भीर चिन्तन अथवा संविधान मे ओबीसी,एसटी, एसएसी व अल्पसंख्यक वर्ग के मौलिक अधिकार और भारतीय संविधान विषय पर गहन चिन्तन किया जाएगा। समारोह में एक से डेढ हजार लोग शरीक होंगे।

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